Love shayari
की हमसे वफ़ा तो गैर
उसको जफा कहते हैं,
कहने दो कहने वालों को
हम तुमसे मोहब्बत करते हैं
तो क्या कोई गुनाह करते हैं
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जी ढूंढ़ता है फिर वही फुर्सत के रात दिन,
जब हमउम्रों के संग गलियों में घूमते थे
जैसे हम थे शहेंशाह ए हिन्द
कहते तो हो यूँ कहते, यूँ कहते जो यार आता,
मैंने कहा गर इज़ाज़त हो तो
हमारी हुस्न ए मलिका से मिल आता
चांदनी रात के खामोश सितारों की क़सम,
मुझे यकीन है तू मुस्कुराएगी
मेरी बर्बादी के दिन
आशिकी सब्र तलब और तमन्ना बेताब,
तुमसे मिलने को हम बन बैठे हैं
आशिक़ों के नवाब
रात सुलाना चाह रही थी
और आप
हमे प्यार में भिगाये जा रही थी
Raat sulana
chah rahi thi
Aur
Aap hame pyar me
Bhigoye ja rahi thi
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कहती हो चलो सो जाएं
मीठे मीठे सपनो में खो जाएं
पर आंखों में तुम्हारी
जो चढ़ी है खुमारी
वो पल पल हमे
तुम्हारे और करीब लाए
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रात भुलाये ना
भूले जा रही थी
तुम तन्हाइयों में
हमे सताए जा रही थी
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भीगने का भी अपना ही मज़ा है
प्यार से बढ़कर नही
कोई सजा है
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यह हुस्न क्या कमाल है
की भीगे मेरे ज़ज़्बात हैं
बिजलियाँ कड़कने को तैयार हैं
और हम तुमसे
लिपटने को बेताब हैं
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